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सोमवार, 2 सितंबर 2019

Hindi Christian Video "धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं" क्लिप 3 - बचाए जाने और उद्धार के बीच अंतर कैसे करें

Hindi Christian Video "धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं" क्लिप 3 - बचाए जाने और उद्धार के बीच अंतर कैसे करें


धार्मिक संसार में बहुत से लोग हैं जो मानते हैं कि प्रभु में विश्वासी हम लोग अपने पापों से दोषमुक्त होकर उनके अनुग्रह से बचाए जा चुके हैं, और हम क्रूस को धारण करते और बहुत सा अच्‍छा व्यवहार करते हुए, नम्रता और धैर्यपूर्ण व्‍यवहार करते हैं, तो क्‍या इसका मतलब यह है कि हम बदलाव पा चुके है? उनका मानना है कि, अगर हम हमेशा इस तरह से अपने विश्वास पर कायम रह सकते हैं, तो अंत में हम स्वर्गारोहित किए जाएंगे और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर पाएंगे। क्या वास्तव में ये तथ्य ऐसे ही हैं? क्या अच्‍छे व्‍यवहार में हमारा विश्वास ही उद्धार का प्रतिनिधित्व कर सकता है? बचाए जाने और उद्धार के बीच वास्तव में क्या अंतर है?

अनुशंसित: Watch more Hindi gospel movies and welcome the Lord Jesus' return

बुधवार, 28 अगस्त 2019

Hindi Christian Video "धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं" क्लिप 2 - क्या बचाए हुए स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं?

Hindi Christian Video "धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं" क्लिप 2 - क्या बचाए हुए स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं?


अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने छुटकारे के काम को किया जिसने हमें हमारे सभी पापों से मुक्त कर दिया। जब तक हम प्रभु यीशु को हमारे उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं और आराधना करते हैं और हमारे पापों को प्रभु के समक्ष स्वीकार करते हैं, तो हमें पाप मुक्‍त कर दिया जाएगा और हम अपने विश्वास के माध्यम से बचाए जाएंगे। तो यहां "बचाया जाने" वास्तविक अर्थ क्या है? क्या हम प्रभु में विश्वास करके, उसके अनुग्रह के तहत आकर स्वर्ग के राज्य में स्वर्गारोहण और प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं और बचाए जा सकते हैं?

अनुशंसित: यीशु मसीह का दूसरा आगमन 

बुधवार, 24 जुलाई 2019

Hindi Christian Music Video 2018 | the Return of the Lord Jesus | "दो हज़ार सालों की अभिलाषा"


Hindi Christian Video | the Return of the Lord Jesus | "दो हज़ार सालों की अभिलाषा"


कि परमेश्वर ने किया है देहधारण हिल उठता है धार्मिक संसार,
होती है परेशान धार्मिक व्यवस्था,
और उन सभी की आत्मा होती है उद्वेलित
जिनको है अभिलाषा परमेश्वर के प्रकटन की।
कौन नहीं होता मोहित इस पर?
कौन नहीं करता अभिलाषा परमेश्वर के दर्शन की?
परमेश्वर ने बिताए हैं वर्षों मनुष्यों के मध्य, 
लेकिन मनुष्य साधारण रूप से है इससे अनभिज्ञ।
आज, करने के लिए मनुष्य के साथ अपने पुराने प्रेम को नवीन 
परमेश्वर स्वंय प्रकट हुआ है।

गुरुवार, 4 जुलाई 2019

Hindi Christian Skit | ख़ुशफ़हमी | Do You Know the Criteria for Entering the Kingdom of Heaven?

Hindi Christian Skit | ख़ुशफ़हमी | Do You Know the Criteria for Entering the Kingdom of Heaven?


ली मिंगदाओ एक गृह-कलीसिया में प्रचारक है। वह बरसों से प्रभु में विश्वास रखता आ रहा है, और उसने हमेशा पौलुस की मिसाल का अनुसरण करते हुए प्रचार और कार्य किया है, कष्ट उठाए हैं और कीमत अदा की है। उसका मानना है, "अगर कोई मेहनत और कार्य करता है तो वह स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकता है, पुरस्कृत हो सकता है और मुकुट हासिल कर सकता है।" लेकिन अपने सहकर्मियों से मिलने पर, भाई झांग इस नज़रिये पर संदेह व्यक्त करता है। ली मिंगदाओ आश्वस्त नहीं होता और घर लौट आता है, और बाइबल को अच्छी तरह देख लेने के बाद, वह भाई झांग से गर्मागर्म बहस करता है... क्या प्रभु के लिये मेहनत और कार्य करना परमेश्वर की इच्छा को पूरा करना है?

मंगलवार, 18 जून 2019

Hindi Gospel Movie | भक्ति का भेद - भाग 2 | Preaching the Gospel of the Second Coming of Lord Jesus

Hindi Gospel Movie | भक्ति का भेद - भाग 2 | Preaching the Gospel of the Second Coming of Lord Jesus



लिन बोएन एक अनुभवी उपदेशक हैं जो कई दशकों से प्रभु में विश्वास करते रहे है। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद से ही पादरियों, एल्डर्स और मसीह-विरोधी ताकतों द्वारा उन्‍हें दोषी ठहराया गया, उनका बहिष्कार किया गया और धार्मिक समुदाय द्वारा उन्‍हें निष्कासित कर दिया गया। लेकिन इस तरह के हमलों, दोषारोपणों और झूठे आरोपों का सामना करने के बावजूद उन्होंने भयवश अपने कदम पीछे नहीं हटाए। इसके बजाय, उनका विश्वास पहले से और ज्यादा दृढ़ हो गया, और अंततः वे इस बात को समझ गए कि धार्मिक दुनिया के पादरीगण और एल्डर्स सदाचारी होने का ढोंग कर रहे थे।

रविवार, 16 जून 2019

Hindi Christian Movie | परमेश्‍वर का नाम बदल गया है?! | The Savior Lord Jesus Has Come Back

Hindi Christian Video | परमेश्वर का नाम बदल गया है?! | The Savior Lord Jesus Has Come Back (Hindi Dubbed)


ग ह्वा नामक महिला दक्षिणी चीन की एक गृह कलीसिया की प्रचारिका हैं। प्रभु में विश्वास करना शुरू करने के बाद, उन्‍होंने बाइबल में पाया कि पुराने नियम में परमेश्वर को यहोवा कहा जाता था, और नये नियम में यीशु। परमेश्वर के अलग-अलग नाम क्यों हैं? इस सवाल ने वांग ह्वा को बड़े असमंजस में डाल दिया। उन्होंने बाइबल में इसका जवाब ढूँढ़ने की कोशिश की, लेकिन इसका रहस्य उन्हें समझ नहीं आया .... लेकिन वे दृढ़ता से विश्वास करती थीं कि स्वर्ग के अंतर्गत मनुष्यों के लिए दूसरा कोई नाम नहीं दिया गया है, इसलिए अकेले यीशु ही उद्धारक हैं, और जब तक हम यीशु के नाम पर कायम रहेंगे, हमें स्वर्ग के राज्य में अवश्य आरोहित कर दिया जाएगा।

मंगलवार, 11 जून 2019

Hindi Prayer Song | सच्ची प्रार्थना में प्रवेश कैसे किया जाता है (Lyrics)

ईसाई प्रार्थना | सच्ची प्रार्थना में प्रवेश कैसे किया जाता है (Lyrics)


प्रार्थना के दौरान तुम्हारा दिल, ईश्वर के समक्ष, होना चाहिए शांत,
और तुम्हारा दिल होना चाहिए खरा।  
जब ईश्वर से प्रार्थना करो उससे करो वार्तालाप।
न धोखा दो उसको उन वचनों से जो सिर्फ मीठी हों।
परमेश्वर के समक्ष तुम्हारा दिल ख़ामोशी से रहेगा।
और तुम्हारे लिए निर्धारित वातावरण में,
तुम खुद को जानोगे और नफरत करोगे।
तुम खुद से नफरत करोगे, खुद को त्यागोगे।

रविवार, 19 मई 2019

परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं




  • परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं
  •  
  • I
  • जब तुम ईश्वर को देते हो दिल और उसे धोखा नहीं देते हो,
  • जब तुम खुद से ऊँचे या नीचे लोगों को कभी नहीं छलते हो,
  • जब ईश्वर के प्रति साफ़दिल हो सब चीज़ों में,
  • जब तुम ईश्वर की चापलूसी वाले काम न करो,
  • है ये बनना ईमानदार।

शनिवार, 27 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर सम्पूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियन्ता है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर सम्पूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियन्ता है"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यदि तुम एक सच्चे ईसाई हो, तो तुम निश्चय ही इस बात पर विश्वास करोगे कि किसी भी देश या राष्ट्र का उत्थान या पतन परमेश्वर की योजना के अनुसार होता है। केवल परमेश्वर ही किसी देश या राष्ट्र के भाग्य को जानता है और केवल परमेश्वर ही इस मानवजाति के जीवन के ढंग को नियंत्रित करता है। यदि मानवजाति अच्छा भाग्य पाना चाहती है, यदि कोई देश अच्छा भाग्य पाना चाहता है, तो मनुष्य को अवश्य परमेश्वर की आराधना में झुकना चाहिए, पश्चाताप करना चाहिए और परमेश्वर के सामने अपने पापों की स्वीकार करना चाहिए, अन्यथा मनुष्य का भाग्य और मंज़िल अपरिहार्य रूप से तबाह हो कर समाप्त हो जाएँगे।"
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

पवित्र आत्मा का वचन "एक अपरिवर्तित स्वभाव का होना परमेश्वर के साथ शत्रुता होना है"

पवित्र आत्मा का वचन "एक अपरिवर्तित स्वभाव का होना परमेश्वर के साथ शत्रुता होना है"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य का स्वभाव उसके सार के ज्ञान की शुरुआत से बदल जाना चाहिए और उसकी सोच, स्वभाव, और मानसिक दृष्टिकोण के बदल जाने से—मौलिक परिवर्तन के द्वारा। केवल इसी ढंग से मनुष्य के स्वभाव में सच्चे बदलाव आ सकेंगे। मनुष्य का भ्रष्ट स्वभाव शैतान के द्वारा उसे जहर देने और रौंदे जाने के कारण उपजा है, उस प्रबल नुकसान से जिसे शैतान ने उसकी सोच नैतिकता, अंतर्दृष्टि, और समझ पर पहुँचाया है। यह ठीक है क्योंकि मनुष्य की मौलिक चीजें शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दी गईं हैं, और पूरी तरह से उसके विपरीत है जैसे परमेश्वर ने उन्हें मूल रूप से बनाया था, कि मनुष्य परमेश्वर का विरोध करता है और सत्य को नहीं समझता। इस प्रकार, मनुष्य के स्वभाव में बदलाव उसकी सोच, अंतर्दृष्टि और समझ में बदलाव के साथ शुरू होना चाहिए जो परमेश्वर के बारे में उसके ज्ञान को और सत्य के बारे में उसके ज्ञान को बदलेगा।"

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्ताईसवाँ कथन"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्ताईसवाँ कथन"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य से पृथक होने और फिर एक होने के आनन्द और दुःखों में, हम मनोभावों का आदान-प्रदान करने में असमर्थ होते है। ऊपर स्वर्ग और नीचे पृथ्वी पर पृथक हुए, मैं और मनुष्य नियमित रूप से मिलने में असमर्थ हैं। पूर्व की भावनाओं के विषाद से कौन मुक्त हो सकता है? कौन अतीत के बारे में स्मरण करने से अपने आप को रोक सकता है? कौन अतीत के मनोभावों की निरंतरता की आशा नहीं करेगा? कौन मेरी वापसी की अभिलाषा नहीं करेगा? कौन मनुष्य के साथ मेरे फिर से एक हो जाने की लालसा नहीं करेगा? मेरा हृदय अत्यंत अशांत है, और मनुष्य की आत्मा गहराई तक चिंतित हैं। यद्यपि आत्माओं में एक समान हैं, फिर भी हम प्रायः एक साथ नहीं हो सकते हैं, और हम प्रायः एक दूसरे को नहीं देख सकते हैं।…...जब वे जोर से गिड़गिड़ाते हैं, तो मैं उनसे अपना मुँह फेर लेता हूँ, मैं उन्हें देखना अव और सहन नहीं कर सकता हूँ; हालाँकि, मैं उनकी अश्रुपूरित पुकारों को कैसे नहीं सुन सकता हूँ? मैं मानवीय संसार के इन अन्यायों को सही करूँगा। मैं अपने लोगों को फिर से नुकसान पहुँचाने से शैतान को रोकते हुए, शत्रु को पुनः जो चाहे वह करने से रोकते हुए, पूरे संसार में अपने स्वयं के हाथों से अपना कार्य करूँगा। मैं अपने सभी शत्रुओं को ज़मीन पर गिराते हुए और अपने सामने उनसे उनके अपराधों को अंगीकार करवाते हुए, पृथ्वी पर राजा बन जाऊँगा और वहाँ अपना सिंहासन ले जाऊँगा। अपने दुःख में, जिसमें क्रोध मिश्रित है, मैं किसी को नहीं छोड़ते हुए, और अपने शत्रुओं को भयभीत करते हुए समस्त विश्व को कुचल कर समतल कर दूँगा। मैं इस पृथ्वी को खण्डहर में बदल दूँगा, और अपने शत्रुओं को खण्डहर में गिरा दूँगा, ताकि अब से वे मानवजाति को अब और भ्रष्ट नहीं कर सकें।"
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।


शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

Hindi Christian Movie | महाअज्ञान | Why Can’t Foolish Virgins Enter the Kingdom of Heaven?

I’m not certain whether Jesus Christ truly comes back and works in China, but to be honest, their fellowship have biblical basis and conforms to the Lord’s teaching. I’d better know more about this church!

Hindi Christian Movie | महाअज्ञान | Why Can’t Foolish Virgins Enter the Kingdom of Heaven? (Hindi Dubbed)

      झेंग मुएन अमेरिका में चीन की एक ईसाई कलीसिया में सहकर्मी हैं, उन्होंने कई वर्षों से प्रभु में विश्वास किया है, और वे प्रभु के लिए बड़ी लगन से काम करते हैं और स्वयं को खपाते  हैं। एक दिन, उनकी आंटी उन्हें गवाही देती हैं कि प्रभु यीशु अंत के दिनों में सत्य व्यक्त करने और न्याय और मनुष्य को शुद्ध करने का कार्य करने के लिए लौट आये हैं। यह खबर उन्हें बहुत उत्साहित करती है।सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन को पढ़ने और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की फ़िल्में और वीडियो देखने के बाद, झेंग मुएन का दिल सत्यापित करता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर अवश्य प्रभु यीशु की वापसी हो सकते हैं, इसलिए वे अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की जांच-पड़ताल शुरू कर देते हैं। लेकिन जब उनकी कलीसिया के अगुआ पादरी मा को इस बात का पता चलता है, तो वे बार-बार रुकावट पैदा करने और झेंग मुएन को रोकने की कोशिश करते हैं।वे झेंग मुएन से सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल छुड़वाने की कोशिश में, उन्हें चीनी सरकार का एक प्रचार वीडियो दिखाते हैं जिसमें चमकती पूर्वी बिजली को बदनाम कर उसकी निंदा की जाती है, और यह वीडियो उन्हें पशोपेश में डाल देता है: वे जाहिर तौर पर देख पाते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य और परमेश्वर की वाणी हैं, तो फिर धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा क्यों करते हैं? वे न केवल खुद उनकी खोज या जांच-पड़ताल करने से इनकार करते हैं, वे दूसरों को भी सच्चे मार्ग को स्वीकार करने से रोकने की  कोशिश करते हैं। ऐसा क्यों है?....झेंग मुएन को धोखा खाने और गलत रास्ता पकड़ने का डर है, मगर साथ ही वे आरोहित होने का अपना मौक़ा खो देने से भी डरते हैं। इस संघर्ष और उलझन में, पादरी मा चीनी सरकार और धार्मिक दुनिया का और भी ज़्यादा नकारात्मक प्रचार पेश करते हैं, जिससे झेंग मुएन के दिल में और भी बहुत-सी शंकाएं पैदा हो जाती हैं। वे पादरी मा की बात मानने और सच्चे मार्ग की अपनी जांच-पड़ताल को छोड़ देने का फैसला कर लेते हैं। बाद में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के गवाहों की गवाहियां और संगति सुनाने के बाद, झेंग मुएन समझ पाते हैं कि सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने में, सबसे बुनियादी सिद्धांत यह तय करना है कि क्या उस मार्ग में सत्य है और क्या वह परमेश्वर की वाणी को व्यक्त करता है। जो भी कोई बहुत सत्य व्यक्त कर सकते हों, वे अवश्य मसीह के प्रकटन होंगे, क्योंकि भ्रष्ट मानवजाति का कोई भी सदस्य कभी सत्य व्यक्त नहीं कर सकता। यह एक अकाट्य तथ्य है। अगर सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते समय कोई परमेश्वर की वाणी को सुनने पर ध्यान नहीं देते, और इसके बजाय अपनी कल्पनाओं के आधार पर सफ़ेद बादलों पर प्रभु यीशु के उतरने का इंतज़ार करते हैं, तो वे कभी भी परमेश्वर के प्रकटन का स्वागत नहीं कर पायेंगे। झेंग मुएन अंत में समझ पाते हैं कि बुद्धिमान कुवांरियों का, प्रभु यीशु द्वारा बोली गयी परमेश्वर की वाणी को सुनने का रहस्य क्या है, और फिर वे चीनी सरकार और धार्मिक दुनिया के पादरियों और एल्डर्स की झूठी बातों और बेतुके सिद्धांतों पर यकीन न करने का फैसला करते हैं, और अपने धार्मिक पादरी के चंगुल और बंधनों से छुटकारा पा लेते हैं। झेंग मुएन सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने की मुश्किलों का गहराई से अनुभव करते हैं। विवेक के बिना और सत्य को खोजे बिना, परमेश्वर की वाणी को सुनने या परमेश्वर के सिंहासन के सामने आरोहित होने का कोई रास्ता नहीं है। इसके बदले, कोई सिर्फ शैतान से धोखा खाकर उसके नियंत्रण में फंस सकता है, और शैतान के जाल में मर सकता है; इससे बाइबल का यह वचन पूरा होता  है, "मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नष्‍ट हो गई" (होशे 4:6)। "मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं" (नीतिवचन 10:21)।


मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

Hindi Christian Song | "इंसान के लिए परमेश्वर के प्रबंध के मायने" | The Salvation of God

This new hindi christian song touched me very much. As adam and eve were tempted by the serpent, mankind started to be corrupted by satan. It is since then that God began his work of saving man. God loves me so much! thank God!


 Hindi Christian Song | "इंसान के लिए परमेश्वर के प्रबंध के मायने" | The Salvation of God

प्रबंधन ईश्वर का ऐसे लोगों को प्राप्त करने के लिए है
जो उसके अधीन रहें और आराधना करें।
यह मानवजाति, शैतान द्वारा भ्रष्ट की हुई,
अब और उसे पिता जैसे नहीं देखती।
वे जानते हैं उसका बुरा चेहरा, त्यागते हैं
और स्वीकारते हैं ईश्वर का न्याय और ताड़ना।

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

1. परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है। इन दोनों पहलुओं का, परमेश्वर के प्रति मनुष्य के प्रतिरोध के इतिहास में विलय होता है। नौसिखिए विश्वासी परमेश्वर का विरोध करते हैं क्योंकि ऐसा विरोध उनकी प्रकृति में होता है, जबकि कई वर्षों से विश्वास वाले लोगों में परमेश्वर का विरोध, उनके भ्रष्ट स्वभाव के अलावा, परमेश्वर के प्रति उनकी अज्ञानता का परिणाम है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं" से

शनिवार, 8 दिसंबर 2018

परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर

5. परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से

मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

तुम्हें परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में कैसे विभेद करना चाहिए?

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


अनुग्रह के युग में, यीशु ने भी काफ़ी बातचीत की और काफ़ी कार्य किया। वह यशायाह से किस प्रकार भिन्न था? वह दानिय्येल से किस प्रकार भिन्न था? क्या वह कोई भविष्यद्वक्ता था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि वह मसीहा है? उनके मध्य क्या भिन्न्ताएँ हैं? वे सभी मनुष्य थे जिन्होंने वचन बोले थे, और मनुष्य को उनके वचन लगभग एक से प्रतीत होते थे। उन सभी ने बातें की और कार्य किए। पुराने विधान के भविष्यवद्क्ताओं ने भविष्यवाणियाँ की, और उसी तरह से, यीशु भी वैसा ही कर सका। ऐसा क्यों है? यहाँ कार्य की प्रकृति के आधार पर भिन्नता है। इस मामले को समझने के लिए, तुम देह की प्रकृति पर विचार नहीं कर सकते हो और तुम्हें किसी व्यक्ति के वचनों की गहराई या सतहीपन पर विचार नहीं करना चाहिए। तुम्हें अवश्य हमेशा सबसे पहले उसके कार्य पर और उन प्रभावों पर विचार करना चाहिए जिसे उसका कार्य मनुष्य में प्राप्त करता है। उस समय यशायाह के द्वारा कही गई भविष्यवाणियों ने मनुष्य का जीवन प्रदान नहीं किया

रविवार, 2 दिसंबर 2018

तुम्हें परमेश्वर देह बना के महत्व को अवश्य जानना चाहिए।

2. तुम्हें परमेश्वर देह बना के महत्व को अवश्य जानना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
इस बार, परमेश्वर कार्य करने आत्मिक देह में नहीं, बल्कि एक एकदम साधारण देह में आया है। यह न केवल परमेश्वर के दूसरी बार देहधारण की देह है, बल्कि यह वही देह है जिसमें वह लौटकर आया है। यह बिलकुल साधारण देह है। इस देह में दूसरों से अलग कुछ भी नहीं है, परंतु तुम उससे वह सत्य ग्रहण कर सकते हो जिसके विषय में तुमने पहले कभी नहीं सुना होगा। यह तुच्छ देह, परमेश्वर के सभी सत्य-वचन का मूर्त रूप है, जो अंत के दिनों में परमेश्वर का काम करती है, और मनुष्यों के जानने के लिये यही परमेश्वर के संपूर्ण स्वभाव की अभिव्यक्ति है। क्या तुमने परमेश्वर को स्वर्ग में देखने की प्रबल अभिलाषा नहीं की?

सोमवार, 26 नवंबर 2018

2. परमेश्वर के स्वभाव और सार को कोई कैसे जान सकता है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर को जानना, सत्य,

X. परमेश्वर को कैसे जाना जाए, इससे सम्बंधित सच्चाई के पहलू पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

2. परमेश्वर के स्वभाव और सार को कोई कैसे जान सकता है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
लोग अकसर कहते हैं कि परमेश्वर को जानना सरल बात नहीं है। फिर भी, मैं कहता हूं कि परमेश्वर को जानना बिलकुल भी कठिन विषय नहीं है, क्योंकि वह बार बार मनुष्य को अपने कामों का गवाह बनने देता है। परमेश्वर ने कभी भी मनुष्य के साथ संवाद करना बंद नहीं किया है; उसने कभी भी मनुष्य से अपने आपको गुप्त नहीं रखा है, न ही उसने स्वयं को छिपाया है। उसके विचारों, उसके उपायों, उसके वचनों और उसके कार्यों को मानवजाति के लिए पूरी तरह से प्रकाशित किया गया है। इसलिए, जब तक मनुष्य परमेश्वर को जानने की कामना करता है, वह सभी प्रकार के माध्यमों और पद्धतियों के जरिए उन्हें समझ और जान सकता है।

रविवार, 25 नवंबर 2018

1. परमेश्वर को जानना वास्तव में क्या है? क्या बाइबल की जानकारी और धार्मिक सिद्धांत को समझना, परमेश्वर को जानना माना जा सकता है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, बाइबल, परमेश्वर को जानना,

X. परमेश्वर को कैसे जाना जाए, इससे सम्बंधित सच्चाई के पहलू पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

1. परमेश्वर को जानना वास्तव में क्या है? क्या बाइबल की जानकारी और धार्मिक सिद्धांत को समझना, परमेश्वर को जानना माना जा सकता है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर को जानने का क्या अभिप्राय है? इसका अभिप्राय है कि मनुष्य परमेश्वर की भावनाओं के विस्तार को जानता है, परमेश्वर को जानना यही है। आप कहते हैं कि आपने परमेश्वर को देखा है, फिर भी आप परमेश्वर की भावनाओं के विस्तार को नहीं जानते हैं, उनके स्वभाव को नहीं जानते हैं, और उनकी धार्मिकता को भी नहीं जानते हैं। आपको उनकी दयालुता की कोई समझ नहीं है, और आप नहीं जानते हैं कि वे किससे घृणा करते हैं। इसे परमेश्वर को जानना नहीं कहा जा सकता है। इसलिए, कुछ लोग परमेश्वर का अनुसरण करने में सक्षम हैं, किन्तु वे आवश्यक रूप से परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं। यही अंतर है।

गुरुवार, 22 नवंबर 2018

1. मसीह के दिव्य तत्व को कोई कैसे जान सकता है?


IX. मसीह स्वयं परमेश्वर की ही अभिव्यक्ति है, इस बारे में हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

1. मसीह के दिव्य तत्व को कोई कैसे जान सकता है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"यीशु ने उससे कहा, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ' 'ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। मेरा विश्‍वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्‍वास करो'" (यूहन्ना 14:6, 10-11)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
ऐसी बात का अध्ययन करना कठिन नहीं है, परंतु हम में से प्रत्येक के लिए इस सत्य को जानने की अपेक्षा की जाती है: जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर का सार धारण करेगा, और जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर की अभिव्यक्ति धारण करेगा। चूँकि परमेश्वर देहधारी हुआ, वह उस कार्य को प्रकट करेगा जो उसे अवश्य करना चाहिए, और चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया, तो वह उसे अभिव्यक्त करेगा जो वह है, और मनुष्यों के लिए सत्य को लाने के समर्थ होगा, मनुष्यों को जीवन प्रदान करने, और मनुष्य को मार्ग दिखाने में सक्षम होगा। जिस शरीर में परमेश्वर का सार नहीं है, निश्चित रूप से वह देहधारी परमेश्वर नहीं है; इस बारे में कोई संदेह नहीं है। यह पता लगाने के लिए कि क्या यह देहधारी परमेश्वर है, मनुष्य को इसका निर्धारण उसके द्वारा अभिव्यक्त स्वभाव से और उसके द्वारा बोले वचनों से अवश्य करना चाहिए।

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