घर

परमेश्वर के वचनों के पठन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
परमेश्वर के वचनों के पठन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 14 जून 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तीन चेतावनियाँ" | The Warning of God to Man (Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तीन चेतावनियाँ" | The Warning of God to Man (Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर में विश्वासी के रूप में, तुम लोगों को सभी बातों में
परमेश्वर के अलावा और किसी के प्रति वफादार नहीं होना चाहिए और सभी बातों में उसकी इच्छा के अनुरूप होने में समर्थ होना चाहिए। तथापि, यद्यपि हर कोई इस सिद्धांत को समझता है, फिर भी ये सच्चाइयाँ जो अत्यधिक स्पष्ट और बुनियादी हैं, जहाँ तक मनुष्य का संबंध है, उसकी अज्ञानता, बेहूदगी, और भ्रष्टता जैसी नानाविध मनोव्यथाओं के कारण उसमें पूरी तरह से नहीं देखी जा सकती है। इसलिए, तुम लोगों का अंत निर्धारित करने से पहले, मुझे सबसे पहले तुम लोगों को कुछ चीज़ें बतानी चाहिए, जो तुम लोगों के लिए अत्यधिक महत्व की हैं। ......

गुरुवार, 13 जून 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" (अंश)

र्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" (अंश)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर

कहते हैं: "मनुष्य सदियों से परमेश्वर के साथ चलता आया है, फिर भी मनुष्य नहीं जानता है कि परमेश्वर सभी बातों पर, जीवित प्राणियों के भाग्य पर शासन करता है या सभी बातों को परमेश्वर किस प्रकार से आयोजित या निर्देशित करता है। यह कुछ ऐसी बातें हैं जो अतीतकाल से आज तक मनुष्य की नजरों में नहीं आ पाई हैं। जहाँ तक उस कारण की बात है, यह इसलिए नहीं है क्योंकि परमेश्वर के मार्ग बहुत ही भ्रान्तिजनक हैं, या क्योंकि परमेश्वर की योजना का अभी भी पूरा होना बाकी है, परन्तु इसलिए कि मनुष्य का हृदय और आत्मा परमेश्वर से अत्यधिक दूर है। इसलिए, हालांकि मनुष्य परमेश्वर का अनुसरण करता है, वह अनजाने में शैतान की सेवा में लगा रहता है। कोई भी सक्रिय तौर पर परमेश्वर के नक्शेकदमों या उपस्थिति नहीं खोजता है और कोई भी परमेश्वर की देखभाल और संरक्षण में नहीं रहना चाहता।

मंगलवार, 28 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग तीन)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग तीन)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जो कुछ मनुष्य देखता, अनुभव करता, और कल्पना कर सकता है उसे वह अभिव्यक्त करता है। भले ही ये सिद्धान्त या धारणाएं हों, इन सभी तक मनुष्य की सोच पहुंच सकती है। मनुष्य के कार्य के आकार की परवाह किए बगैर, यह मनुष्य के अनुभव के दायरे, जो मनुष्य देखता है, या जिसकी मनुष्य कल्पना या जिसका विचार कर सकता है उनसे बढ़कर नहीं हो सकता है। जो कुछ परमेश्वर प्रगट करता है परमेश्वर स्वयं वही है, और यह मनुष्य की पहुंच से परे है, और यह मनुष्य की सोच से परे है।

सोमवार, 27 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग दो)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग दो)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जो कुछ मनुष्य देखता, अनुभव करता, और कल्पना कर सकता है उसे वह अभिव्यक्त करता है। भले ही ये सिद्धान्त या धारणाएं हों, इन सभी तक मनुष्य की सोच पहुंच सकती है। मनुष्य के कार्य के आकार की परवाह किए बगैर, यह मनुष्य के अनुभव के दायरे, जो मनुष्य देखता है, या जिसकी मनुष्य कल्पना या जिसका विचार कर सकता है उनसे बढ़कर नहीं हो सकता है। जो कुछ परमेश्वर प्रगट करता है परमेश्वर स्वयं वही है, और यह मनुष्य की पहुंच से परे है, और यह मनुष्य की सोच से परे है।

रविवार, 26 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जो कुछ मनुष्य देखता, अनुभव करता, और कल्पना कर सकता है उसे वह अभिव्यक्त करता है। भले ही ये सिद्धान्त या धारणाएं हों, इन सभी तक मनुष्य की सोच पहुंच सकती है। मनुष्य के कार्य के आकार की परवाह किए बगैर, यह मनुष्य के अनुभव के दायरे, जो मनुष्य देखता है, या जिसकी मनुष्य कल्पना या जिसका विचार कर सकता है उनसे बढ़कर नहीं हो सकता है। जो कुछ परमेश्वर प्रगट करता है परमेश्वर स्वयं वही है, और यह मनुष्य की पहुंच से परे है, और यह मनुष्य की सोच से परे है।

शनिवार, 25 मई 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "परमेश्वर द्वारा आवासित देह का सार" (भाग दो)


कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "परमेश्वर द्वारा आवासित देह का सार" (भाग दो)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "देहधारण का अर्थ यह है कि परमेश्वर देह में प्रकट होता है, और वह अपनी सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करने आता है। इसलिए, परमेश्वर को देहधारी होने के लिए, उसे सबसे पहले देह, सामान्य मानवता वाली देह अवश्य होना चाहिए; यह, कम से कम, सत्य अवश्य होना चाहिए। वास्तव में, परमेश्वर का देहधारण का निहितार्थ यह है कि परमेश्वर देह में रह कर कार्य करता है, परमेश्वर अपने वास्तविक सार में देहधारी बन जाता है, एक मनुष्य बन जाता है।

शुक्रवार, 24 मई 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "परमेश्वर द्वारा आवासित देह का सार" (भाग एक)


कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "परमेश्वर द्वारा आवासित देह का सार" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "देहधारण का अर्थ यह है कि परमेश्वर देह में प्रकट होता है, और वह अपनी सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करने आता है। इसलिए, परमेश्वर को देहधारी होने के लिए, उसे सबसे पहले देह, सामान्य मानवता वाली देह अवश्य होना चाहिए; यह, कम से कम, सत्य अवश्य होना चाहिए। वास्तव में, परमेश्वर का देहधारण का निहितार्थ यह है कि परमेश्वर देह में रह कर कार्य करता है, परमेश्वर अपने वास्तविक सार में देहधारी बन जाता है, एक मनुष्य बन जाता है।

बुधवार, 22 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" (भाग एक)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अंतिम दिनों का परमेश्वर मनुष्य को पूर्ण बनाने के लिए मुख्यतः वचनों का उपयोग करता है। वह मनुष्यों का दमन करने, या उन्हें मनाने के लिये संकेतों और चमत्कारों का उपयोग नहीं करता है; इससे परमेश्वर की सामर्थ्य को स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। यदि परमेश्वर केवल संकेतों और चमत्कारों को दिखाता, तो परमेश्वर की वास्तविकता को प्रकट करना लगभग असंभव होता, और इस तरह मनुष्य को पूर्ण बनाना भी असंभव हो जाता। परमेश्वर संकेतों और चमत्कारों के द्वारा मनुष्य को पूर्ण नहीं बनाता है किन्तु वचन का उपयोग मनुष्यों को सींचने और उनकी चरवाही करने के लिए करता है, जिसके बाद मनुष्य की पूर्ण आज्ञाकारिता प्राप्त होती है और मनुष्य का परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त होता है। यही उसके द्वारा किये गए कार्य और बोले गये वचनों का उद्देश्य है।

मंगलवार, 21 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए"



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "क्या तूने कभी सोचा है कि परमेश्वर का हृदय कितना व्याकुल और चिंतित है? जिसे उसने अपने हाथों से रचा उस निर्दोष मानव जाति को ऐसी पीड़ा में दुख उठाते हुए देखकर वह कैसे सह सकता है? वैसे भी मानव जाति तो वह दुर्भाग्यशाली है जिस पर विष प्रयोग किया गया है। यद्यपि वे आज के दिन तक जीवित हैं, कौन यह सोच सकता था कि उन्हें लंबे समय से उस दुष्टात्मा द्वारा विष दिया गया है? क्या तू भूल चुका है कि तू शिकार हुए लोगों मे से एक है? परमेश्वर के लिए अपने प्रेम के खातिर, क्या तू उन्हें बचाने को इच्छुक नहीं है जो जीवित बच गए हैं?

मंगलवार, 14 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है"


परमेश्वर के कथन "मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है" What Is Judgement of the Last Days? (Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अंत के दिनों में, मसीह मनुष्य को सिखाने के लिए विभिन्न प्रकार की सच्चाइयों का उपयोग करता है, मनुष्य के सार को उजागर करता है, और उसके वचनों और कर्मों का विश्लेषण करता है।

शनिवार, 11 मई 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "विश्व के सृजन के बाद से परमेश्वर के आत्मा ने इतना महान कार्य किया है; उसने विभिन्न युगों के दौरान, और भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कार्य किए हैं। प्रत्येक युग के लोग उसके भिन्न स्वभाव को देखते हैं, जो कि उस भिन्न कार्य के माध्यम से प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है जिसे वह करता है।

शुक्रवार, 10 मई 2019

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "तुम किस के प्रति वफादार हो?"

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "तुम किस के प्रति वफादार हो?"



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "क्योंकि इन वर्षों में, मैंने तुम में से किसी से कभी भी कोई वफादारी प्राप्त नहीं की है। इन वर्षों में, तुमने मेरा अनुसरण किया है, फिर भी तुमने मेरे प्रतिवफादारी नहीं दिखाई है। इसके बजाए, तुम उन लोगों के चारों ओर घूमते रहे हो जिनसे तुम प्रेम करते हो और ऐसी चीज़ों के चारों ओर जो तुम्हें प्रसन्न करती हैं, इतना ज़्यादा कि उन्हें हृदय के करीब रख लिया और उन्हें कभी भी, किसी भी समय, कहीं भी छोड़ा नहीं।

गुरुवार, 9 मई 2019

पवित्र आत्मा का वचन "सेवा के धार्मिक तरीके पर अवश्य प्रतिबंध लगना चाहिए"

पवित्र आत्मा का वचन "सेवा के धार्मिक तरीके पर अवश्य प्रतिबंध लगना चाहिए" 

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "आज से, परमेश्वर विधिवत् उन्हें पूर्ण बनाएगा जिनकी कोई धार्मिक अवधारणाएँ नहीं हैं, जो अपनी पुरानी अस्मिताओं को एक ओर रखने के लिए तैयार हैं, और जो एक सरल-हृदय से परमेश्वर का आज्ञापालन करते हैं, और वह उन्हें पूर्ण बनाएगा जो परमेश्वर के वचन की लालसा करते हैं। ऐसे लोगों को खड़े हो जाना चाहिए और परमेश्वर की सेवा करनी चाहिए। परमेश्वर में अनंत विपुलता और असीम बुद्धि है।

बुधवार, 8 मई 2019

maseeh ke kathan "जो आज परमेश्वर के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं"

Maseeh ke kathan "जो आज परमेश्वर के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर पर अपने विश्वास में, तुम्हें परमेश्वर को कैसे जानना चाहिए? तुम्हें परमेश्वर को उसके आज के वचनों और कार्य के आधार पर जानना चाहिए, बिना किसी विचलन या भ्रान्ति के, और अन्य सभी चीजों से पहले तुम्हें परमेश्वर के कार्य को जानना चाहिए। यही परमेश्वर को जानने का आधार है। अन्य सभी विभिन्न भ्रांतियां जिनमें परमेश्वर के वचन की शुद्ध स्वीकृति नहीं है वे धार्मिक धारणाएं हैं, ये वे स्वीकृति हैं जो पथभ्रष्ट और गलत हैं।

मंगलवार, 7 मई 2019

पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"


पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे या सत्य को जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है। तुम्हारा विश्वास महज एक ऐसे अस्पष्ट भरोसे पर या धार्मिक रीति-रिवाजों और ज्ञान के ऊपर बना हुआ है जो पूरी तरह सिद्धांतों पर टिका हुआ है। प्रतिदिन मैं तुम लोगों के क्रियाकलापों को देखता हूँ और तुम लोगों के इरादों और बुरे परिणामों की जाँच करता हूँ।

शुक्रवार, 3 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुम्हें पता होना चाहिए कि व्यावहारिक परमेश्वर ही स्वयं परमेश्वर है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुम्हें पता होना चाहिए कि व्यावहारिक परमेश्वर ही स्वयं परमेश्वर है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर द्वारा देह में प्रकट होने का अर्थ है कि परमेश्वर के आत्मा के सब कार्य और वचन उसकी सामान्य मानवीयता, और उसके देह धारण के द्वारा किये जाते हैं। अर्थात्, परमेश्वर का आत्मा उनकी मानवीयता के कार्य को निर्देशित करता है और ईश्वरीयता के कार्य को देह के साथ पूरा करता है, और देहधारी परमेश्वर में तू परमेश्वर के मानवीयता वाले कार्य और संपूर्ण ईश्वरीय कार्य दोनों को देख सकता है।

बुधवार, 1 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या आप जाग उठे हैं?"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या आप जाग उठे हैं?"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अगर लोग जीवित प्राणी बनना चाहते हैं, और परमेश्वर के गवाह बनना चाहते हैं, और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें परमेश्वर के उद्धार को स्वीकार करना होगा, उन्हें आनंदपूर्वक उसके न्याय व ताड़ना के प्रति समर्पित होना होगा, और आनंदपूर्वक परमेश्वर की काट-छांट और बर्ताव को स्वीकार करना होगा। केवल तब ही परमेश्वर द्वारा जरूरी तमाम सत्य को अपने आचरण में ला सकेंगे, और तब ही परमेश्वर के उद्धार को पा सकेंगे, और सचमुच जीवित प्राणी बन सकेंगे। जीवित परमेश्वर द्वारा बचाए जाते हैं, वे परमेश्वर द्वारा न्याय व ताड़ना का सामना कर चुके हैं, वे स्वयं को समर्पित करने और आनंदपूर्वक अपने प्राणों को परमेश्वर को देने के लिए तत्पर हैं और वे प्रसन्नता से अपना सम्पूर्ण जीवन परमेश्वर को अर्पण करने में भी तत्पर हैं। जब जीवित जन परमेश्वर की गवाही देता है, तब ही शैतान शर्मिन्दा होता है, केवल जीवित ही परमेश्वर के सुसमाचार का प्रचार कर सकते हैं, केवल जीवित ही परमेश्वर के हृदय का अनुसरण करते हैं और केवल जीवित ही वास्तविक जन हैं।"

अनुशंसित:सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर की इच्छा की समरसता में सेवा कैसे करें"

सोमवार, 29 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब परमेश्वर की बात आती है, तो तुम्हारी समझ क्या होती है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब परमेश्वर की बात आती है, तो तुम्हारी समझ क्या होती है" 

       सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर न केवल पवित्रात्मा, वह आत्मा, सात गुना तीव्र पवित्रात्मा, सर्व-व्यापी पवित्रात्मा है, बल्कि एक व्यक्ति, एक साधारण व्यक्ति, अपवादात्मक रूप से एक सामान्य व्यक्ति भी है। वह न सिर्फ़ नर, बल्कि नारी भी है। वे इस बात में एक समान हैं कि वे दोनों ही मानवों से जन्मे हैं, और इस बात पर असमान हैं कि एक का पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भधारण किया गया है और दूसरा, मानव से जन्मा है, परन्तु प्रत्यक्ष रूप से पवित्रात्मा से ही उत्पन्न है। वे इस बात में एक समान हैं कि परमेश्वर के दोनों देहधारी देह परमपिता परमेश्वर पिता का कार्य करते हैं और इस बात में असमान हैं कि एक तो छुटकारे का कार्य करता है और दूसरा जीतने का कार्य करता है। दोनों परमेश्वर पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं, परन्तु एक छुटकारे का प्रभु है जो करुणा और दया से भरा हुआ है और दूसरा धार्मिकता का परमेश्वर है जो क्रोध और न्याय से भरा हुआ है। एक छुटकारे के कार्य को शुरू करने के लिए सर्वोच्च सेनापति है और दूसरा जीतने के कार्य को पूरा करने के लिए धार्मिक परमेश्वर है। एक आरम्भ है और दूसरा अंत है। एक निष्पाप देह है, दूसरा वह देह है जो छुटकारे को पूरा करता है, कार्य को जारी रखता है और कभी भी पाप का नहीं है। दोनों एकही पवित्रात्मा हैं, परन्तु वे भिन्न-भिन्न देहों में निवास करते हैं और भिन्न-भिन्न स्थानों में पैदा हुए हैं। और वे कई हज़ार वर्षों द्वारा पृथक्कृत हैं। फिर भी उनका सम्पूर्ण कार्य पारस्परिक रूप से पूरक है, कभी भी विरोधाभासी नहीं है, और एकही साँस में बोला जा सकता है। दोनों ही लोग हैं, परन्तु एक बालक शिशु है और दूसरी एक नवजात बालिका है।" 

रविवार, 28 अप्रैल 2019

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर में विश्वास करना इतना आसान नहीं है जैसा कि मनुष्य कह सकता है। जैसे कि परमेश्वर इसे देखता है, यदि तुम्हारे पास सिर्फ़ ज्ञान है किन्तु जीवन के रूप में उसका वचन नहीं है; यदि तुम सिर्फ़ अपने स्वयं के ज्ञान तक ही सीमित हो परन्तु सत्य का अभ्यास नहीं कर सकते हो या परमेश्वर के वचन को जी नहीं सकते हो, तो तब भी यह प्रमाण है कि तुम्हारे पास परमेश्वर को प्रेम करने वाला हृदय नहीं है, और दर्शाता है कि तुम्हारा हृदय परमेश्वर से संबंधित नहीं है। परमेश्वर में विश्वास करके उसे जान लेना; यह अंतिम लक्ष्य है और जिसे मनुष्य को खोजना चाहिए। तुम्हें परमेश्वर के वचनों को जीने के लिए प्रयास समर्पित अवश्य करने चाहिए ताकि वे तुम्हारे अभ्यास में महसूस किए जा सकें। यदि तुम्हारे पास सिर्फ़ सैद्धांतिक ज्ञान है, तो परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास बेकार हो जाएगा। तब यदि तुम सिर्फ़ इसे अभ्यास में लाते हो और उसके वचन को जीते हो तभी तुम्हारा विश्वास पूर्ण और परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप माना जाएगा।"

शनिवार, 27 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर सम्पूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियन्ता है"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर सम्पूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियन्ता है"

      सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यदि तुम एक सच्चे ईसाई हो, तो तुम निश्चय ही इस बात पर विश्वास करोगे कि किसी भी देश या राष्ट्र का उत्थान या पतन परमेश्वर की योजना के अनुसार होता है। केवल परमेश्वर ही किसी देश या राष्ट्र के भाग्य को जानता है और केवल परमेश्वर ही इस मानवजाति के जीवन के ढंग को नियंत्रित करता है। यदि मानवजाति अच्छा भाग्य पाना चाहती है, यदि कोई देश अच्छा भाग्य पाना चाहता है, तो मनुष्य को अवश्य परमेश्वर की आराधना में झुकना चाहिए, पश्चाताप करना चाहिए और परमेश्वर के सामने अपने पापों की स्वीकार करना चाहिए, अन्यथा मनुष्य का भाग्य और मंज़िल अपरिहार्य रूप से तबाह हो कर समाप्त हो जाएँगे।"
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

Hindi Gospel Video "वार्तालाप" क्लिप 6 - ईसाई किस प्रकार सीसीपी के "चारे की तरह परिवार का इस्तेमाल" का जवाब देते हैं

Hindi Gospel Video "वार्तालाप" क्लिप 6 - ईसाई किस प्रकार सीसीपी के "चारे की तरह परिवार का इस्तेमाल" का जवाब देते है...