- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- बदली नहीं हैं परमेश्वर की उम्मीदें इंसान के लिये
- I
- जब इसहाक को पेश किया बलिदान के लिये अब्राहम ने,
- तो देखी परमेश्वर ने आज्ञाकारिता और ईमानदारी उसकी,
- कामयाब रहा वो परमेश्वर के इम्तहान में।
- परमेश्वर का विश्वासपात्र बनने, उसे जानने की योग्यता से
- अभी भी दूर था मगर वो।
- देख नहीं सका परमेश्वर का स्वभाव वो।