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सोमवार, 1 जुलाई 2019

2018 Hindi Christian Skit | मुहल्ले के "भेदिये" | Why Does the CCP Monitor Christians So Much?

2018 Hindi Christian Skit | मुहल्ले के "भेदिये" | Why Does the CCP Monitor Christians So Much?


धार्मिक आस्था को मिटा देने के लिए, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी, पड़ोसियों, ग्राम समितियों और अलग-अलग लोगों का इस्तेमाल करती है, ताकि ईसाइयों की करीब से निगरानी की जा सके, और उसने हर ईसाई को धर दबोचने की कोशिश में "सूचना देने पर इनाम" की प्रणाली भी शुरू की है। इस लघु-नाटिका मुहल्ले के "भेदिये" में दिखाया गया है कि परमेश्वर में विश्वास करने की साख रखने के कारण ईसाई महिला लीन मिन की, पड़ोसी समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा किस तरह चोरी-छुपे निगरानी की जाती है। एक दिन दो बहनें उनके घर जाती हैं, और पड़ोसी समिति की डायरेक्टर विभिन्न माध्यमों से जांच-पड़ताल करने के बाद तुरंत सीसीपी पुलिस को बुला लेती हैं।

शनिवार, 15 जून 2019

Hindi Christian Movie | धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं | Have You Welcomed the Return of Lord Jesus?

Hindi Christian Video | धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं | Have You Welcomed the Return of Lord Jesus? (Hindi Dubbed)


शो योंघान दक्षिण कोरिया में एक कलीसिया के पादरी हैं। उन्होंने दशकों तक उत्साहपूर्वक परमेश्वर की सेवा की और अपने साथी विश्वासियों का गहरा सम्मान अर्जित किया। हाल के वर्षों से, उनकी कलीसिया दिन-प्रतिदिन ज्‍़यादा-से-ज्‍यादा उजाड़ होती जा रही है। बुरे कर्म अधिक-से-अधिक सामान्‍य हो रहे थे,  और वे खुद भी अपने आप को इन पापों में फंसा पाते थे। परिणामस्वरूप, वे बेहद दुखी भ्रमित महसूस करते थे। ... बहुत विचार करने के बाद, उन्होंने संकल्‍पपूर्वक कलीसिया का अपना पद और अपना संप्रदाय छोड़ दिया और इस उम्‍मीद में ऐसी कलीसिया की खोज की जहां पवित्र आत्मा का कार्य हो, ताकि वे अपने पापों से मुक्‍त होने का अपना मार्ग प्राप्त कर सकें। उन्होंने कई पंथों का दौरा किया,  लेकिन उनके उजाड़पन, भ्रष्टता ने उन्हें और अधिक हारा हुआ, भ्रमित, और असहाय बना दिया।

बुधवार, 22 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" (भाग एक)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" (भाग एक)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अंतिम दिनों का परमेश्वर मनुष्य को पूर्ण बनाने के लिए मुख्यतः वचनों का उपयोग करता है। वह मनुष्यों का दमन करने, या उन्हें मनाने के लिये संकेतों और चमत्कारों का उपयोग नहीं करता है; इससे परमेश्वर की सामर्थ्य को स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। यदि परमेश्वर केवल संकेतों और चमत्कारों को दिखाता, तो परमेश्वर की वास्तविकता को प्रकट करना लगभग असंभव होता, और इस तरह मनुष्य को पूर्ण बनाना भी असंभव हो जाता। परमेश्वर संकेतों और चमत्कारों के द्वारा मनुष्य को पूर्ण नहीं बनाता है किन्तु वचन का उपयोग मनुष्यों को सींचने और उनकी चरवाही करने के लिए करता है, जिसके बाद मनुष्य की पूर्ण आज्ञाकारिता प्राप्त होती है और मनुष्य का परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त होता है। यही उसके द्वारा किये गए कार्य और बोले गये वचनों का उद्देश्य है।

गुरुवार, 9 मई 2019

पवित्र आत्मा का वचन "सेवा के धार्मिक तरीके पर अवश्य प्रतिबंध लगना चाहिए"

पवित्र आत्मा का वचन "सेवा के धार्मिक तरीके पर अवश्य प्रतिबंध लगना चाहिए" 

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "आज से, परमेश्वर विधिवत् उन्हें पूर्ण बनाएगा जिनकी कोई धार्मिक अवधारणाएँ नहीं हैं, जो अपनी पुरानी अस्मिताओं को एक ओर रखने के लिए तैयार हैं, और जो एक सरल-हृदय से परमेश्वर का आज्ञापालन करते हैं, और वह उन्हें पूर्ण बनाएगा जो परमेश्वर के वचन की लालसा करते हैं। ऐसे लोगों को खड़े हो जाना चाहिए और परमेश्वर की सेवा करनी चाहिए। परमेश्वर में अनंत विपुलता और असीम बुद्धि है।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

परमेश्वर का प्रकटीकरण एक नया युग लाया है

परमेश्वर, यीशु, पवित्र आत्मा, सत्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-परमेश्वर का प्रकटीकरण एक नया युग लाया है
परमेश्वर के छह हज़ार साल की प्रबंधन योजना का अंत आ रहा है, और उसके राज्य का द्वार उन सभी के लिए खोल दिया गया है, जो परमेश्वर के प्रकट होने की खोज कर रहे हैं।

गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

तीसवें कथन की व्याख्या


कुछ लोगों को परमेश्वर के वचनों का थोड़ा-सा परिज्ञान हो सकता है, किन्तु इनमें से किसी को भी अपनी भावनाओं पर भरोसा नहीं होता है; वे नकारात्मकता में पड़ने से बहुत डरते हैं। इस प्रकार, वे सदैव खुशी और दुःख के बीच अ‍दला-बदली करते रहते हैं।

रविवार, 31 दिसंबर 2017

अभ्यास (3)


तुम लोगों में स्वतंत्र रूप से रहने, अपने आप परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने, स्वयं के दम पर परमेश्वर के वचनों का अनुभव करने, और दूसरों की अगुआई के बिना एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन जीने की क्षमता अवश्य होनी चाहिए; जीने के लिए, सच्चे अनुभव में प्रवेश करने के लिए, और वास्तव में देखने के लिए तुम्हें आज के परमेश्वर के वचनों पर निर्भर रहने में सक्षम होना चाहिए। तभी तुम अडिग रह पाओगे। आज, बहुत से लोग भविष्य के क्लेशों और परीक्षणों को पूरी तरह से नहीं समझते हैं। भविष्य में, कुछ लोगों को क्लेशों का अनुभव होगा, और कुछ लोगों को दण्ड का अनुभव होगा।

शनिवार, 30 दिसंबर 2017

अभ्यास (2)


बीते समय में, लोगों ने परमेश्वर के साथ रहने और प्रत्येक क्षण आत्मा में जीने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित किया, जिसकी, आज के अभ्यास से तुलना करें, तो यह एक साधारण आध्यात्मिक प्रशिक्षण है। ऐसा अभ्यास लोगों के जीवन के सही मार्ग पर प्रवेश करने से पहले आता है, और यह अभ्यास की समस्त विधियों में सबसे उथली और सबसे साधारण विधि है।परमेश्वर में लोगों के विश्वास के अभ्यास का यह आरम्भिक चरण है। यदि लोग सर्वदा इसी अभ्यास के द्वारा जीवनयापन करते हैं, तो उनमें अनेकानेक भावनाएँ होगीं,

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

अभ्यास (1)


इससे पहले, लोगों के अनुभव में बहुत विचलन था, और यह बेतुका भी हो सकता था। क्योंकि वे परमेश्वर की अपेक्षाओं के मानकों को समझ ही नहीं पाए थे, ऐसे कई क्षेत्र थे जिनमें लोगों का अनुभव गड़बड़ा गया था। मनुष्य से परमेश्वर की अपेक्षा यह है कि वह एक सामान्य मानवता को जीने के योग्य हो सके। उदाहरण के लिए, भोजन और कपड़ों के संबंध में आधुनिक व्यक्ति के तौर-तरीके। वे एक सूट और टाई पहन सकते हैं और वे आधुनिक कला के बारे में कुछ सीख सकते हैं, और अपने खाली समय में उनके पास कुछ हद तक साहित्यिक और मनोरंजक जीवन हो सकता है। वे कुछ यादगार तस्वीरें खींच सकते हैं और वे पढ़ कर कुछ ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, और रहने के लिए एक अपेक्षाकृत अच्छा माहौल बना सकते हैं।

गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

सर्वशक्तिमान का आह भरना


तुम्हारे हृदय में एक बहुत बड़ा रहस्य है। तुम कभी नहीं जान पाते कि वो वहाँ है क्योंकि तुम एक ऐसे संसार में जीवन बिता रहे हो जहां चमकती रोशनी नहीं है। तुम्हारा हृदय और तुम्हारी आत्मा दुष्ट शक्ति द्वारा दबोच ली गई है। तुम्हारी आंखों को अंधकार ने ढक लिया है, तुम सूर्य को आकाश में नहीं देख सकते, न ही रात में टिमटिमाते तारों को। तुम्हारे कान धोखा देने वाले शब्दों से जाम हो गए हैं और तुम यहोवा की गर्जन वाली आवाज को सुन नहीं पाते हो, न ही सिंहासन से तेज बहते जल की आवाज को। जो जो तुम्हारा था और सर्वशक्तिमान ने जो तुम्हें दिया था सब कुछ तुमने खो दिया है। तुम कड़वाहट के एक अथाह सागर में प्रवेश कर चुके हो, जहां बच पाने का सामर्थ नहीं है, जीवित बचने की आशा नहीं है, बस संघर्ष और हलचल मचाने के लिये बचे हुए हो... उस घड़ी से लेकर तुम बुरी शक्ति के द्वारा यातना सहने के लिए विनाश की नियति में हो,

बुधवार, 27 दिसंबर 2017

परमेश्वर की इच्छा को खोजना और यथासंभव सत्य का अभ्यास करना


जैसे ही लोग अपने कर्तव्यों को पूरा करने में उतावले हो जाते हैं, वे नहीं जानते कि कैसे इसका अनुभव किया जाए; जैसे ही वे कामों में व्यस्त हो जाते हैं, उनकी आध्यात्मिक स्थितियाँ आकुल हो जाती हैं; वे एक सामान्य स्थिति को बनाकर नहीं रख पाते। ऐसा कैसे हो सकता है? यदि आप को थोड़ा कार्य करने दिया जाए, आप अपरम्परागत और स्वच्छंद हो जाते हैं, परमेश्वर के निकट होने की जगह उनसे दूर होते जाते हैं। इससे पता चलता है कि लोग नहीं जानते कि अनुभूति कैसे की जाए। चाहे आप कुछ भी करें,

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

तीसरे कथन की व्याख्या


आज, अब अनुग्रह का युग नहीं रहा, न ही यह दया का युग है, बल्कि यह राज्य का युग है जिसमें परमेश्वर के लोगों का पता चलता है, वह युग जिसमें परमेश्वर दिव्यता से सीधे कार्य करता है। इस प्रकार, परमेश्वर के वचनों के इस मार्ग पर, परमेश्वर उन सभी को आध्यात्मिक क्षेत्र में ले जाता है जो उसके वचनों को स्वीकार करता है। प्रारंभिक अनुच्छेद में, वह पहले से ही तैयारी करता है, और अगर किसी को परमेश्वर के वचनों का ज्ञान होता है, तो वह तरबूज़ प्राप्त करने के लिए उसकी बेल के पीछे चल पड़ेगा, और सीधे उसे समझ पाएगा जो परमेश्वर अपने लोगों में हासिल करना चाहता है। इससे पहले, लोगों का "सेवाकर्ता" के नाम से परीक्षण किया जाता था और आज, जब वे परीक्षण से गुज़र चुके हैं,

सोमवार, 25 दिसंबर 2017

उन्तीसवाँ कथन


जिस दिन सभी चीज़ें पुनर्जीवित हुईं थीं, मै मनुष्यों के बीच आया, और मैंने उसके साथ अद्भुत दिन और रात बिताये हैं। केवल इस अवसर पर ही मनुष्य मेरी सुलभता को थोड़ा सा समझता है, और जैसे-जैसे मेरे साथ उसकी अंतःक्रिया बार-बार होने लगती है, तो वह जो मेरे पास है और जो मैं हूँ उसमें से थोड़ा सा देखता है—और परिणामस्वरूप, उसे मेरे बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त हो जाता है। सभी लोगों के बीच, मैं अपना सिर उठाता हूँ और देखता हूँ, और वे सभी मुझे देखते हैं। फिर भी जब संसार पर आपदा आती है, तो वे तुरन्त व्याकुल जाते हैं, और उनके हृदयों से मेरी छवि ग़ायब हो जाती है; आपदा के आने से आतंक से त्रस्त, वे मेरे प्रोत्साहनों पर कोई ध्यान नहीं देते हैं।

रविवार, 24 दिसंबर 2017

अट्ठाइसवाँ कथन


जब मैं सिय्योन से आया सभी चीज़ों ने मेरी प्रतीक्षा की और जब मैं वापस सिय्योन गया, सभी मनुष्यों ने मेरा अभिवादन किया। जब मैं आया और गया, मेरे कदमों को उन चीज़ों के द्वारा कभी बाधित नहीं किया गया जो मुझ से शत्रुता रखती थीं, और इसलिए मेरा कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ता गया। आज, जब मैं समस्त जीवधारियों के मध्य आता हूँ, तो समस्त वस्तुएँ शांति से मेरा अभिवादन करती हैं, इस बात का अत्यंत भय रखते हुए कि मैं एक बार फिर से चला जाऊँगा और उनका सहारा हटा दूँगा। सभी चीज़ें मेरे मार्गदर्शन का अनुसरण करती हैं, और सभी मेरे हाथ के दिशानिर्देश की ओर देखती हैं।

शनिवार, 23 दिसंबर 2017

सत्ताईसवाँ कथन


मानवीय व्यवहार ने कभी भी मेरे हृदय को स्पर्श नहीं किया है, और न ही वह मुझे बहुमूल्य लगा। मनुष्य की नज़रों में, मैं हमेशा से उनसे सख्ती से व्यवहार कर रहा हूँ, और मैं हमेशा उनके ऊपर अधिकार जता रहा हूँ। मनुष्यों ने अपने सारे कार्यों में, शायद ही मेरे लिए कुछ किया है, और शायद ही उसका कोई काम मेरी नज़रों के सामने स्थिर बना हुआ है। अंततः, मनुष्य से संबंधित हर चीज़ अतिसूक्ष्म रूप से मेरे सामने चूर-चूर हो जाती है, और केवल ऐसे ही समय में मेरे कार्य स्पष्ट होते हैं, और हर किसी को उसकी स्वयं की विफलता में, मुझे ज्ञात करवाते हैं। मानवीय स्वभाव अपरिवर्तनीय बना रहता है। जो कुछ उनके हृदय में है वह मेरी इच्छा के अनुरूप नहीं है—यह वह नहीं है जिसकी मुझे आवश्यकता है।

छब्बीसवाँ कथन


मेरे घर में कौन रहा है? कौन मेरे लिए खड़ा हुआ है? किसने मेरे बदले दुःख उठाया है? किसने मेरे सामने अपने वचन की प्रतिज्ञा ली है? किसने वर्तमान तक मेरा अनुसरण किया है और अभी तक विरक्त नहीं हुआ है? सभी मनुष्य भावना रहित और संवेदनाशून्य क्यों हैं? मानवजाति ने मेरा परित्याग क्यों कर दिया है? मानवता मुझ से क्यों ऊब गई है? मानवीय संसार में कोई उत्साह क्यों नहीं है? जबकि सिय्योन में, मैंने उस उत्साह का स्वाद चखा है जो स्वर्ग में है, और जबकि सिय्योन में मैंने उन आशीषों का आनन्द उठाया है जो स्वर्ग में हैं। फिर, मैंने मानवजाति के बीच में जीवन बिताया है, मैंने मानवीय संसार में कड़वाहट का स्वाद चखा है,

शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

तेइसवाँ कथन


जैसे-जैसे मेरी आवाज़ उच्चारित हो रही है, जैसे-जैसे मेरी आँखों से ज्वाला निकल रही है, मैं पूरी पृथ्वी पर निगरानी रख रहा हूँ, मैं पूरे ब्रह्मांड का अवलोकन कर रहा हूँ। संपूर्ण मानवता मुझ से प्रार्थना कर रही है, मुझे टकटकी लगाकर देख रही है, मुझसे मेरे क्रोध को समाप्त करने के लिए विनती कर रही है, और मेरे विरुद्ध अब विद्रोह नहीं करने की शपथ खा रही है। किन्तु अब यह अतीत नहीं है; यह वर्तमान है। कौन मेरी इच्छा को पीछे मोड़ सकता है? निश्चित रूप से मनुष्यों के हृदयों के भीतर का आह्वान तो नहीं, और न ही उनके मुँह के वचन? यदि मेरी वजह से नहीं है, तो कौन वर्तमान तक जीवित रहने में समर्थ रहा है? मेरे मुँह से निकले हुए वचनों के द्वारा के सिवाय कौन जीवित रहता है?

बुधवार, 20 दिसंबर 2017

जब परमेश्वर की बात आती है, तो तुम्हारी समझ क्या होती है


एक लम्बे समय तक लोगों ने परमेश्वर में विश्वास किया है, फिर भी उनमें से ज्यादातर को इस "परमेश्वर" शब्द के बारे में कोई समझ नहीं है। वे केवल एक अव्यवस्था में अनुसरण करते हैं। उनके पास कोई सुराग नहीं है कि वास्तव में क्यों उन्हें परमेश्वर में विश्वास करना चाहिए या वास्तव में परमेश्वर क्या है। यदि लोग सिर्फ़ परमेश्वर पर विश्वास करना और उसका अनुसरण करना जानते, परन्तु परमेश्वर क्या है इस बारे में नहीं जानते, न ही वे परमेश्वर को समझते, तो क्या यह संसार में सबसे बड़ा मज़ाक नहीं है? भले ही लोगों ने अब तक बहुत से स्वर्गिक रहस्यों को देखा है और बहुत गहरे ज्ञान के बारे में सुना है जिसे मनुष्य पहले कभी नहीं समझा था, तब भी वे बहुत से अत्यंत प्राथमिक, अब तक अचिंतित सत्यों पर अँधेरे में हैं।

मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

सत्रहवाँ कथन


मेरी आवाज़ सभी चारों दिशाओं एवं सम्पूर्ण पृथ्वी को सुनाई देते हुए, गर्जना के समान बाहर निकलती है, और गर्जना और चमकती हुई बिजली के बीच, मानवजाति मार गिराई जाती है। कोई भी मनुष्य कभी भी गर्जना और चमकती हुई बिजली के बीच अडिग नहीं रहा हैः मेरी रोशनी के आने पर अधिकांश मनुष्य दहशत में पड़ जाते हैं और नहीं जानते हैं कि क्या करें। जब पूर्व दिशा में रोशनी की हलकी सी चमक दिखाई देनी शुरू होती है, तो कई लोग, इस हल्की सी चमक द्वारा प्रेरित हो कर, तत्काल अपने भ्रम से जाग जाते हैं। फिर भी किसी ने कभी भी यह महसूस नहीं किया कि वह दिन आ गया है जब मेरी रोशनी उतरती है।

सोमवार, 18 दिसंबर 2017

पतरस के जीवन पर


पतरस एक उदाहरण है जिसका परिचय परमेश्वर ने मानवजाति से करवाया था, और वह एक सुप्रसिद्ध व्यक्ति है। ऐसा क्यों है कि एक ऐसे साधारण व्यक्ति को परमेश्वर के द्वारा एक उदाहरण के रूप में रखा गया और जिसकी बाद में आने वाली पीढ़ियों के द्वारा प्रशंसा की गई? निस्संदेह, इसका उल्लेख किए जाने की आवश्यकता नहीं है कि यह परमेश्वर के लिए उसके प्रेम की अभिव्यक्ति और संकल्प से अलग नहीं किया जा सकता है।

Hindi Gospel Video "वार्तालाप" क्लिप 6 - ईसाई किस प्रकार सीसीपी के "चारे की तरह परिवार का इस्तेमाल" का जवाब देते हैं

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