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गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

धार्मिक दुनिया का मानना है कि सभी शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से दिए गए हैं और ये सब परमेश्वर के ही वचन हैं; इस कथन के प्रति हर किसी को क्या विवेक रखना चाहिए?

2. धार्मिक दुनिया का मानना है कि सभी शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से दिए गए हैं और ये सब परमेश्वर के ही वचन हैं; इस कथन के प्रति हर किसी को क्या विवेक रखना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्तावेज़ है, और एक भाग वह अनुभव और ज्ञान है जिन्हें युगों के दौरान उन लोगों के द्वारा लिखा गया था जिन्हें परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया गया था। मानवीय अनुभवों को मानवीय अनुमानों और ज्ञान के साथ दूषित किया गया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बाइबल की बहुत सी पुस्तकों में मानवीय धारणाएँ, मानवीय पक्षपात, और मनुष्यों के बेतुके अनुवाद हैं।

शुक्रवार, 9 नवंबर 2018

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?

अंतिम दिनों के मसीह के कथन, प्रभु यीशु, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, वचन,

V. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य और अनुग्रह के युग में उसके छुटकारे के कार्य के बीच रहे अंतर से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)।
"और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा" (लूका 24:47)।
"यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा।" (यूहन्ना 12:47-48)।
"क्योंकि वह समय आ पहुँचा है कि पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए" (1पतरस 4:17)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आरम्भ में, यीशु ने सुसमाचार को फैलाया और पश्चाताप के मार्ग का उपदेश दिया, फिर वह मनुष्य को बपतिस्मा देने लगा, बीमारियों को चंगा करने लगा, और दुष्टात्माओं को निकालने लगा। अंत में, उसने मानवजाति को पाप से छुटकारा दिया और सम्पूर्ण युग के अपने कार्य को पूरा किया।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

Hindi Christian Song 2018 | चूँकि परमेश्वर मनुष्यों को बचाता है, वह उन्हें पूर्ण रूप से बचायेगा

Hindi Christian Song 2018 | चूँकि परमेश्वर मनुष्यों को बचाता है, वह उन्हें पूर्ण रूप से बचायेगा

चूँकि मानव को परमेश्वर ने बनाया, उसकी रहनुमाई वो करेगा; चूँकि वो उसे बचाता है, वो उसे पूरी तरह हासिल करेगा और बचायेगा; चूँकि वो करता है रहनुमाई मानव की, उसे सही मंज़िल तक भी वो लाएगा।

Hindi Gospel Video "वार्तालाप" क्लिप 6 - ईसाई किस प्रकार सीसीपी के "चारे की तरह परिवार का इस्तेमाल" का जवाब देते हैं

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