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बुधवार, 15 मई 2019

अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है




  • अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है
  •  
  • I
  • अंत के दिनों में देहधारण किया परमेश्वर ने ख़ास तौर से बोलने के लिये,
  • क्या है इंसानी ज़िंदगी की ज़रूरत,
  • कहाँ प्रवेश करना चाहिये उसे, ये दिखाने के लिये,
  • परमेश्वर के कर्म और सर्वशक्तिमत्ता दिखाने के लिये,
  • परमेश्वर की चमत्कारिता और बुद्धि दिखाने के लिये।
  • जिन बहुत से तरीकों से परमेश्वर बोलता है,
  • इंसान परमेश्वर की सर्वोच्चता, विशालता को देखता है,
  • इंसान परमेश्वर की दीनता, छिपाव को देखता,
  • कि सबसे बड़ा परमेश्वर, सबसे छोटा बन सकता है।
  • इंसान को पूर्ण करने के लिये अंत के दिनों में परमेश्वर,
  • संकेतों, चमत्कारों का नहीं, वचनों का प्रयोग करता है।
  • वचन उजागर करते हैं, न्याय करते हैं, ताड़ना देते हैं,
  • और हर तरह से इंसान को पूर्ण करते हैं।
  • सुंदरता और बुद्धि परमेश्वर की,
  • समझता है इंसान स्वभाव परमेश्वर का।
  • परमेश्वर के वचनों के ज़रिये इंसान, उसके कर्मों को देखता है।
  • II
  • अलग-अलग नज़रियों से बोले जाते हैं परमेश्वर के वचन,
  • जैसे आत्मा, इंसान और अन्य पुरुष।
  • परमेश्वर के वचनों के ज़रिये देखता है इंसान,
  • अलग-अलग तरीकों से काम करता है परमेश्वर।
  • इंसान की ज़िंदगी के लिये वचन मुहैया कराना है इस युग का मुख्य काम।
  • काम है इसका उजागर करना इंसान की प्रकृति को, भ्रष्टता को,
  • मिटाना इंसान के ज्ञान को, संस्कृति को,
  • पुरानी सामंती सोच को, धार्मिक धारणाओं को।
  • ये सब उजागर और साफ़ होने चाहिये परमेश्वर के वचनों के ज़रिये।
  • इंसान को पूर्ण करने के लिये अंत के दिनों में परमेश्वर,
  • संकेतों, चमत्कारों का नहीं, वचनों का प्रयोग करता है।
  • वचन उजागर करते हैं, न्याय करते हैं, ताड़ना देते हैं,
  • और हर तरह से इंसान को पूर्ण करते हैं।
  • परमेश्वर के वचनों में देखता है इंसान,
  • सुंदरता और बुद्धि परमेश्वर की,
  • समझता है इंसान स्वभाव परमेश्वर का।
  • परमेश्वर के वचनों के ज़रिये इंसान, उसके कर्मों को देखता है।
  • III
  • मूल इरादा है अंत के दिनों में परमेश्वर का
  • अपने काम के एक चरण को पूरा करना,
  • वचन देह में प्रकट होता है जिसमें।
  • और एक भाग है ये परमेश्वर के प्रबंधन का।
  • अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है,
  • उसे पूर्ण करता है।
  • अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है,
  • उसे पूर्ण करता है।

  • "वचन देह में प्रकट होता है" से


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