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शनिवार, 31 मार्च 2018

पैंतीसवाँ कथनपैंतीसवीँ उक्ति


मैंने मनुष्यों के बीच अपना कार्य करना शुरू कर दिया है, उन्हें अपने साथ एक ही धारा में जीने का अवसर देकर। मैं उनके बीच में ही अपना कार्य पूरा करूँगा, क्योंकि वे ही वे लक्ष्य हैं जिनका अपनी संपूर्ण प्रबंधन योजना में मैं प्रबंधन करता हूं—और ये मेरी इच्छा है कि वे सभी चीज़ों के माहिर बन जाएं। इसलिए मैं मनुष्यों के बीच चलना जारी रखता हूं। जैसे-जैसे मनुष्य और मैं वर्तमान युग में प्रवेश करते हैं, मैं बहुत शांत महसूस करता हूँ, क्योंकि मेरी गति तेज़ हो गई है। ये मनुष्य मेरी गति की बराबरी कैसे कर सकते हैं? मैंने उदासीन और मंद बुद्धि लोगों पर बहुत काम किया है, लेकिन फिर भी उन्होंने कुछ प्राप्त नहीं किया क्योंकि वे मुझसे प्रेम और स्नेह नहीं करते हैं। मैं सभी लोगों के बीच में रहा हूं और उनके द्वारा ज़मीन के ऊपर और नीचे दोनों ही जगह देखा गया हूँउनकी चेष्टाओं को देखा है। "मनुष्यों" के रूप में वर्गीकृत लोग मेरा विरोध कर रहे हैं, मानो "मेरा विरोध" उनके कार्य विवरण में शामिल था। ऐसा लगता है कि जैसे अगर उन्होंने यह कार्य नहीं किया, तो वे एक आवारा अनाथ की तरह हो जाएंगे जिसे किसी ने गोद नहीं लिया। परंतु, मैं लोगों को उनके कार्यों और व्यवहार के आधार पर मनमाने ढंग से सज़ा नहीं देता हूं। बल्कि, मैं उनकी कद-काठी के अनुसार उन्हें समर्थन देता हूँ और उनकी आवश्यकताएं पूरी करता हूं। क्योंकि मनुष्य मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना के मुख्य पात्र हैं, मैं "मानवता" की इस भूमिका में उन लोगों के लिए अधिक मार्गदर्शन प्रदान करता हूं ताकि वे तहेदिल से और अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार अपनी भूमिका निभा सकें, और ताकि मेरे द्वारा निर्देशित यह नाटक पूरी तरह से सफल बन जाए। मानवजाति से मेरी यही याचना है। क्या यह हो सकता है कि इस प्रार्थना के बिना वे अपनी भूमिका सर्वोत्तम तरीके से निभाने में असमर्थ रहेंगे? लोग जो अपेक्षा मुझसे करते हैं उसे मैं पूरा कर सकता हूँ, लेकिन जो अपेक्षा मैं उनसे करता हूँ, वे उसे पूरा नहीं कर सकते हैं? ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि मैं शायद मनुष्यों को ताकत के ज़ोर पर दबाता हूं। मेरा अंतिम अनुरोध यह है: मैं उनसे पूरी ईमानदारी और सच्चाई से मिन्नत करता हूँ। क्या वे वास्तव में वैसा करने में असमर्थ हैं जो मैं चाहता हूं? मैं कई सालों से लोगों को देता आ रहा हूं, फिर भी बदले में मुझे कुछ नहीं मिला। किसने कभी मुझे कुछ दिया है? क्या मेरा रक्त, पसीना, और आँसू केवल पहाड़ों में बादलों की तरह हैं? मैंने लोगों को कई बार "टीके" दिए हैं, और उन्हें बताया है कि उनसे मेरी अपेक्षाएं सख़्त नहीं थीं। तो फिर, लोग मुझसे लगातार क्यों बचते हैं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनके साथ मुर्गी के बच्चों की तरह व्यवहार करूंगा, जिसे पकड़े जाते ही मार दिया जाएगा? क्या मैं वास्तव में इतना क्रूर और अमानवीय हूं? मनुष्यों ने हमेशा अपनी अवधारणाओं के अनुसार मुझे मापा है। क्या मेरे बारे में उनकी अवधारणाएं स्वर्ग में मेरी वास्तविकता के[क]अनुरूप हैं? मैं लोगों की अवधारणाओं को मुझे आनंद देने वाली वस्तुएं नहीं समझता हूँ। बल्कि, मैं उनके दिल को सराहनीय चीज़ों के रूप में देखता हूं। परंतु, मैं उनके अंतःकरण से काफ़ी तंग आ चुका हूँ, क्योंकि उनके अनुसार, मेरे पास स्वयं एक अंतःकरण नहीं है। इसलिए मैंने इस विषय पर अतिरिक्त राय विकसित की है। परंतु, मैं सीधे उनके अंतःकरण की आलोचना करने से इंकार करता हूं; बल्कि, मैं उन्हें धैर्यपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से मार्गदर्शित करना जारी रखता हूं। आखिरकार, मनुष्य कमज़ोर है और किसी कार्य को पूरा करने में असमर्थ है।
आज, मैंने आधिकारिक तौर पर असीम ताड़ना के दायरे में अपना कदम रख दिया है और मानवजाति के साथ इसका आनंद ले रहा हूं। मैं उन्हें अपने हाथों से रास्ता भी दिखा रहा हूं, और वे मेरे निर्देशन में अच्छा व्यवहार कर रहे हैं; कोई भी मेरा विरोध करने की हिम्मत नहीं करता। सभी मेरे मार्गदर्शन में हैं, मैंने जो दायित्व उन्हें सौंपे हैं वे उन्हें पूरा कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके "कार्य विवरण" में शामिल है। स्वर्ग में और स्वर्ग के नीचे की सारी चीज़ों में, कौन है जो मेरी योजनाओं के सामने नहीं झुकता है? कौन है जो मेरी पकड़ में नहीं है? कौन है जो मेरे वचनों और मेरे कार्य की प्रशंसा और गुणगान नहीं करता? मनुष्य मेरे कर्मों और कार्यों की प्रशंसा करते हैं, इसलिए वे मेरे हर छोटे कदम की वजह से मेरे कार्य की धारा में स्वयं को समर्पित करते हैं। कौन है जो दूर जा सकता है? कौन है जो उस कार्य से दूर जा सकता है जिसकी व्यवस्था मैंने की है? मेरे प्रशासनिक आदेश के कारण, मनुष्य रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं; इसके बिना, वे सब "सामने की पंक्ति" से पीछे हटकर "भगोड़े" बन जाते। कौन है जो मृत्यु से भयभीत नहीं? क्या लोग स्वयं का बलिदान करने के लिए सचमुच तैयार हैं? मैं किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं करता, क्योंकि मुझे बहुत समय पहले मानव स्वभाव की संपूर्ण समझ प्राप्त हो गई थी। इस प्रकार, मैं हमेशा ऐसी परियोजनाओं का ज़िम्मा लेता रहा हूं जो लोगों ने पहले कभी नहीं कीं। क्योंकि कोई भी मेरा कार्य नहीं कर सकता था, मैंने युद्ध के मैदान में स्वयं पैर रखा है ताकि मैं शैतान के साथ जीवन और मृत्यु का संघर्ष कर सकूँ। आजकल, शैतान ने बड़े पैमाने पर उधम मचा रखी है। क्यों नहीं मैं इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी शक्ति को प्रकट करने के लिए अपने कार्य के केंद्र-बिंदु को दिखाऊँ? जैसा कि मैंने पहले कहा है, मैं शैतान की चाल को विफल करने के अवसर का इस्तेमाल कर रहा हूं; क्या यह सबसे अच्छा मौका नहीं है? केवल अब मैं एक संतुष्ट मुस्कुराहट प्रकट करता हूं, क्योंकि मैंने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। मैं अब इधर-उधर भागकर मुनष्य से "सहायता" नहीं माँगूंगा। मैंने हलचल बंद कर दी है, और अब मैं एक आवारा जीवन नहीं जीता हूँ। अब से, मैं शांति में रहूंगा। इसी तरह, मनुष्य भी सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि मेरा दिन आ चुका है। पृथ्वी पर मैंने एक व्यक्ति का व्यस्त जीवन बिताया है, एक ऐसा जीवन जिसमें कई अन्याय हुए हैं। मनुष्यों की आंखों में, मैंने उनकी ख़ुशियों और दुखों को साझा किया है, साथ ही साथ उनकी विपत्तियों को भी। मनुष्य की तरह, मैं भी पृथ्वी पर और स्वर्ग के नीचे रहा हूं। इसलिए, उन्होंने हमेशा मुझे एक निर्मित प्राणी के रूप में देखा है। क्योंकि मनुष्यों ने मुझे स्वर्ग में नहीं देखा है, उन्होंने कभी भी मुझ पर अधिक मेहनत नहीं की है। परंतु, आज की स्थिति को देखते हुए, लोगों के पास यह स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि मैं उनके भाग्य का मालिक हूं और बादलों से आदेश देता हुआ वक्ता हूं। इसलिए, मनुष्यों ने आराधना में मेरे सामने ज़मीन पर अपने सिर को रख दिया है। क्या यह मेरी विजयी वापसी का प्रमाण नहीं है? क्या सभी विरोधी शक्तियों पर ये मेरी जीत का चित्रण नहीं है? सभी लोगों को पूर्वसंकेत प्राप्त हुए हैं कि दुनिया समाप्त हो रही है, और मानवता एक बड़ी स्वच्छता से गुज़रने वाली है। परंतु, जो मैं चाहता हूँ कि वे करें, वे सच्चाई और सतर्कता से उसे नहीं कर सकते हैं, और इसलिए उनके पास मेरी ताड़ना के अंतर्गत रोने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। क्या किया जा सकता है? इन मनुष्यों को अवज्ञाकारी होने के लिए किसने कहा? किसने उन्हें अंतिम युग में प्रवेश करने के लिए कहा? वे मनुष्यों के रूप में इस पूर्व-अंतर्भासी दुनिया में क्यों पैदा हुए? सब कुछ मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थित किया गया है। कौन शिकायत कर सकता है?
जब से दुनिया की सृष्टि हुई है, मैं मनुष्यों के बीच उनके सांसारिक अस्तित्व में उनका साथ देते हुए भटकता रहा हूँ। पिछली पीढ़ियों में, परंतु मेरे द्वारा कभी भी किसी भी व्यक्ति को नहीं चुना गया; सभी को मेरी चुप्पी द्वारा ठुकराया गया। इसका कारण यह है कि अतीत में इन लोगों ने एकचित्त भक्ति के साथ मेरी सेवा नहीं की थी; इसलिए मैंने भी उन्हें विशेष रूप से प्रेम नहीं किया। उन्होंने शैतान से "उपहार" ले लिए और फिर मेरी तरफ़ पलटकर मुझे प्रस्तुत कर दिए; ऐसा करना क्या मेरे लिए निंदात्मक नहीं था? जब इस तरह की भेंट दी जा रही थीं, तो मैंने अपनी घृणा प्रकट नहीं की; बल्कि, मैंने उनकी चालाकियों को अपने लिए इस्तेमाल करते हुए अपने प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों में उनकी "भेंटों" को जोड़ दिया। बाद में, जब मशीन द्वारा उन्हें संसाधित कर दिया जाता था, तो मैं सभी उत्पन्न कचरे को जला देता था। हालांकि, मनुष्यों की इस वर्तमान पीढ़ी ने मुझे कई "उपहार" नहीं दिए हैं, फिर भी मैं इसके लिए उनकी निन्दा नहीं करता हूं। ये लोग हमेशा से ही निराश्रित और खाली हाथ रहे हैं; इसलिए, उनकी स्थिति की वास्तविकता को देखते हुए, मैंने मानवीय दुनिया में आने के बाद उनसे कोई भी अनुचित मांगें नहीं की हैं। बल्कि, उन्हें "सामग्री" देने के बाद, मैंने बस उस "तैयार उत्पाद" की मांग की है जो मैं चाहता हूँ, क्योंकि मनुष्यों द्वारा एक मात्र यही चीज़ प्राप्त की जा सकती है। मैंने कई साल कठिनाई में बिताए हैं, और सीखा है कि उपयुक्त अनुरोध प्रकट करने से पहले एक मनुष्य के रूप में जीने का क्या मतलब है। यदि मैंने मानवीय जीवन का अनुभव नहीं किया होता, तो उन मामलों को कैसे समझ सकता था जिन पर चर्चा करना मुश्किल लगता है? फिर भी, मनुष्य इसे इस तरह नहीं देखते हैं; वे केवल यही कहते हैं कि मैं सर्व-शक्तिशाली, अलौकिक परमेश्वर हूँ। क्या यह बिल्कुल वही अवधारणा नहीं है जो सभी मनुष्यों की पूरे इतिहास के दौरान रही है और आज भी है? मैंने कहा कि पृथ्वी पर कोई भी ऐसा नहीं जो वास्तव में मुझे सौ प्रतिशत जान सकता है। इस टिप्पणी के निहितार्थ हैं; यह केवल खाली बातें नहीं हैं। मैंने स्वयं इसका अनुभव किया है और देखा है, इसलिए मुझे इसके विवरण की जानकारी है। अगर मैं मानवीय दुनिया में नहीं आया होता, तो मुझे कौन जान सकता था? कौन मेरे वचनों को रूबरू सुन पाता? कौन मेरी आकृति को अपने बीच देख पाता? प्राचीन काल से, मैं हमेशा बादलों में छुपा रहता था। मैंने बहुत पहले ही भविष्यवाणी की थी कि मैं अंतिम दिनों में मानव जाति में उनके लिए आदर्श के रूप में सेवा करने के लिए उतरूंगा। यही कारण है कि आजकल लोग अपने अपने ज्ञान की सीमा को विस्तृत करने में काफ़ी भाग्यशाली हैं। क्या यह वह दयालुता नहीं है जो मैंने उन पर अर्पित की है? क्या यह हो सकता है कि वे मेरी कृपा को बिल्कुल समझ नहीं पाएंगे? मनुष्य इतने असंवेदनशील और मंद-बुद्धि क्यों हैं? इतनी दूर आने के बाद, क्यों ऐसा है कि वे अभी तक नहीं जागे? मैं इस दुनिया में कई सालों से रह रहा हूं, लेकिन मुझे कौन जानता है? कोई आश्चर्य नहीं कि मैं लोगों को ताड़ना देता हूं। ऐसा लगता है कि वही वे वस्तुएं हैं जिन पर मैं अपने अधिकार का उपयोग कर सकता हूँ; ऐसा लगता है कि वे मेरी बंदूक में गोली की तरह हैं, और एक बार मैंने गोली चला दी, तो वे सब बच निकलेंगे। यह उनकी कल्पना है। मैंने हमेशा मनुष्यों का सम्मान किया है; मैंने कभी भी मनमाने ढंग से गुलामों की तरह उनका शोषण या व्यापार नहीं किया है। इसका कारण यह है कि मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता, न ही वे मुझे छोड़ सकते हैं। इसलिए, हमारे बीच जीवन और मृत्यु के बंधन का निर्माण हुआ है। मैं हमेशा मनुष्यों से प्रेम और स्नेह करता हूं। हालांकि, यह भावना कभी भी आपसी नहीं रही, उन्होंने हमेशा मेरी ओर देखा है, और यही कारण है कि मैं उन पर मेहनत करना जारी रखता हूं। मैं लोगों से अपने खज़ाने की तरह प्यार करता हूँ, क्योंकि वे पृथ्वी पर मेरे प्रबंधन की "पूँजी" हैं; इसलिए मैं निश्चित रूप से उन्हें नहीं हटाऊँगा। मनुष्य के प्रति मेरी इच्छा कभी नहीं बदलेगी। क्या वे वास्तव में मेरी शपथ पर भरोसा कर सकते हैं? वे मुझे कैसे संतुष्ट कर सकते हैं? यह सारी मानवजाति के लिए कार्य है; यही वह "गृहकार्य" है जो मैंने उनके लिए छोड़ा है। यह मेरी आशा है कि वे सभी इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
अप्रैल 23, 1992
पादटीका:
क. मूल पाठ में "वास्तविकता के" शामिल नहीं है।
राज्य का युग

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