सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर के स्वभाव को समझना अति महत्वपूर्ण है"
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यदि आप परमेश्वर के स्वभाव को नहीं समझोगे, तब आप जो उसके लिए करना चाहते हैं उसे करना आपके लिए असंभव होगा। यदि आप परमेश्वर के अस्तित्व को नहीं जानते हैं, तो भी उसके आदर और भय को धारण करना असंभव होगा, केवल बेपरवाह असावधानी और घुमा फिराकर कहना और इसके अतिरिक्त असाध्य ईश निन्दा होगी। परमेश्वर के स्वभाव को समझना वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है, और परमेश्वर के अस्तित्व के ज्ञान को कभी भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है, फिर भी किसी ने भी पूरी तरह इस विषय का परीक्षण नहीं किया है या उसकी गहराई मे नहीं गए हैं। यह बिलकुल साफ साफ देखा जा सकता है कि आपने मेरे द्वारा दिए गए सभी प्रशासनिक आदेशों को निरस्त कर दिया है। यदि आप परमेश्वर के स्वभाव को समझ नहीं सकते हैं, तो आप आसानी से उसके स्वभाव को ठेस पहुँचा देंगे। ऐसा अपराध स्वयं परमेश्वर को क्रोधित करने के समान है, और अंततः प्रशासनिक आदेशों के विरूद्ध एक गुनाह बन जाता है। अब आपको एहसास हो जाना चाहिए कि जब आप उसके सार को समझ जाते हैं तो आप परमेश्वर के स्वभाव को समझ सकते हैं, और परमेश्वर के स्वभाव को समझना उसके प्रशासनिक आदेशों को समझने के बराबर है। निश्चित रूप से, परमेश्वर के स्वभाव में बहुत सारे प्रशासनिक आदेश शामिल हैं, परन्तु उसके स्वभाव की सम्पूर्णता को उनमें प्रकट नहीं किया गया है। इसमें परमेश्वर के स्वभाव से और ज़्यादा परिचित होने की जरूरत है।"
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